Aaj ki story ke garib ladka ravi ki hai
Suraj Chauhan
रवि अश्कों को रोकते हुए आखिरी बार पीछे मुड़कर देखता है। उसकी आंखों में तरस और दर्द था, लेकिन नए सपनों की चमक भी दिखाई दे रही थी। उसने गांव को पीछे छोड़ दिया था, अपने परिवार को पीछे छोड़ दिया था। लेकिन वह जानता था कि उसका भविष्य शहर में ही निहित है।रवि का परिवार छोटे शहर में एक गरीब कोठरी में रहता था। उसके पिता एक छोटे दुकान में काम करते थे और माता घर का काम देखती थीं। एक छोटा भाई और एक छोटी बहन भी थे। यह परिवार हमेशा गरीबी और अभावग्रस्तता की मार झेलता था, लेकिन इस कठिनाई में भी उन्होंने अपनी खुशियों को नहीं खोया था।