असली हीरे की पहचान |
ANI KUMARI
भंवरपूर के राजा अक्सर अपनी महल के बाहर दरबार लगाया करते थे, जहाँ वे अपनी प्रजा की बातों को गंभीरता से सुनते और उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया करते थे। एक दिन उस राज्य में एक व्यक्ति अपने हाथों में एक हीरा और एक कांच का टुकड़ा लेकर पहुंचा। देखने में कांच का वह टुकड़ा हीरे के समान ही प्रतीत हो रहा था, यह कहना गलत नहीं होगा कि कोई भी व्यक्ति दोनों को देखकर धोखा खा जाए और दोनों में अंतर ही न कर पाए। वह व्यक्ति राजदरबार में पहुंचा और उसनें भारी सभा में राजा को चुनौती देते हुए कहा, कि ‘राजन! मेरे एक हाथ में एक बहुमूल्य हीरा है और एक में कांच का टुकड़ा।