Welcome to the world of AI
asknvestmentguru
आपने देखा होगा कभी-कभी मन बेवजह ही अशांत रहता है कुछ भी करने का मन नहीं करताजिन चीजों से हमें सुख मिलने की उम्मीद होती है उनसे भी हमें केवल दुख मिलता है ऐसा क्यों होता हैअगर आपके मन में भी यह प्रश्न है तो यह कहानी आपके लिए हैबुद्ध के जीवन की यह कहानी आपको बताएगी कि आप अपने भीतर की शांति को कैसे पा सकते हैंयह कहानी उस समय की है जब गौतम बुद्ध को सिद्धार्थ के नाम से जाना जाता थाजब वे परम सत्य की खोज मे थे उस समय उन्हें यह तो विश्वास था कि वह अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे परंतु उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचने का एक सही रास्ता नहीं पता था इसलिए वे एक गुरु की तलाश में थेकई दिनों तक जंगलों में भटकने के बाद उन्हें उनके पहले गुरु मिलते हैं जिनका नाम आलार कालाम होता हैआलार कालाम की यह विशेषता थी कि वे किसी को भी आसानी से अपना शिष्य नहीं बनाते थे