ज़मीं को जादू आता है !
sharmasarvi04
ये मेरे बाग की मिट्टी में कुछ तो हैये जादुई ज़मीं है क्या?ज़मीं को जादू आता है !अगर अमरूद बीजूँ मैं, तो ये अमरूद देती हैअगर जामुन की गुठली डालूँ तो जामुन भी देती हैकरेला तो करेला.....निम्बू तो निम्बू!अगर मैं फूल माँगू तो गुलाबी फूल देती हैमैं जो रंग दूँ उसे, वो रंग देती हैये सारे रंग क्या उसने कहीं नीचे छुपा रक्खे हैं मिट्टी मेंबहुत खोदा मगर कुछ भी नहीं निकला.....!ज़मीं को जादू आता है!ज़मीं को जादू आता हैबड़े करतब दिखाती हैये लम्बे-लम्बे ऊँचे ताड़ के जब पेड़, उँगली पर उठाती!तो गिरने भी नहीं देती!हवाएँ खूब हिलाती हैं, ज़मीं हिलने नहीं देती!मेरे हाथों से शर्बत, दूध, पानीकुछ गिरे सब डीक जाती हैये कितना पानी पीती है!गटक जाती है जितना दो,इसे लोटे से दो या बाल्टी से,या नल दिन भर खुला रख दोगज़ब है, पेट भरता ही नहीं इस कासुना है ये नदी को भी छुपा लेती है अन्दर!ज़मीं को जादू आता है!यकीनन जादू आता है!