लालची सास की कहानी
Kali Prasad
एक दिन, गाँव में एक साधु आए। साधु ने सभी को आशीर्वाद दिया और कहा, जो भी मेरे पास आकर अपने सबसे बड़े लालच का त्याग करेगा, उसे मैं सच्ची खुशी का वरदान दूँगा। सुमित्रा ने सोचा कि अगर वह साधु को प्रभावित कर सके, तो वह और भी धनी हो सकती है। इसलिए वह साधु के पास गई और कहा, मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं और अधिक धन पा सकूँ।साधु मुस्कुराए और बोले, बेटी, तुम्हारा लालच तुम्हें कभी सच्ची खुशी नहीं देगा। अगर तुम इसे छोड़ दो, तो तुम्हें सब कुछ मिलेगा। सुमित्रा ने साधु की बातों को अनसुना कर दिया और अपने लालच के पीछे भागती रही।कुछ दिनों बाद, सुमित्रा की लालच की वजह से उसके परिवार में कलह और दुख बढ़ने लगे