साधु की पुत्री
Dipesh Chaudhary Kewat
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में गीता नाम की लड़की रहती थी। उसे पेड़-पौधों से बहुत प्यार था। एक दिन उसने गाँव के किनारे एक सूखा पेड़ देखा। गीता ने सोचा, इस पेड़ को बचाना चाहिए। वह रोज़ उसे पानी देती और देखभाल करती। धीरे-धीरे पेड़ में हरे पत्ते आने लगे। गाँव के लोग गीता की मेहनत देखकर खुश हुए और सभी ने मिलकर और पेड़ लगाने का निश्चय किया। जल्द ही गाँव हरा-भरा हो गया। गीता की मेहनत से सबको पेड़ों का महत्व समझ में आया। सबने गीता की तारीफ की और उसे हरियाली की रानी कहा।