Village ghost Story
Shubhamoy Bondyopadhyay
अध्याय 1 - गाँव की वापसीअर्जुन के पैर धीरे-धीरे गाँव की गलियों पर चलते थे, जो उसके बचपन की यादों से भरी थीं। यह वही गाँव था जहाँ वह पला-बढ़ा था, लेकिन अब वह एक अलग व्यक्ति बन चुका था। शहर में पढ़ाई और नौकरी के बाद, उसने कुछ वर्षों तक यहाँ नहीं आया था। अब जब वह वापस लौटा था, तो उसे गाँव का अंधेरा और सन्नाटा असामान्य लगने लगा।अर्जुन अपने पुराने घर की ओर बढ़ता गया, जहाँ उसका परिवार अब भी रहता था। उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट आ गई, जब उसने घर के बाहर अपनी मां को देखा। बेटा, तू आ गया! उसकी मां ने उसे गले लगाते हुए कहा। अर्जुन का मन भर आया, क्योंकि उसे अपने घर और परिवार की याद आ गई थी।