खौफनाक रात
Shubham sharma_eigu
रात के अंधेरे में घड़ी की टिक-टिक की आवाज़ जैसे दिल की धड़कन तेज़ करती जा रही थी। अजय अपने घर में अकेला था। चारों तरफ़ घना सन्नाटा पसरा हुआ था, और सिर्फ़ बाहर से आती हल्की हवा की सरसराहट सुनाई दे रही थी। अजय को लगा कि उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई दे रही हैं, पर उसने सोचा कि शायद उसका वहम होगा। उसने अपने आप को समझाया और फिर से किताब पढ़ने लगा।कुछ देर बाद, एकदम से बिजली चली गई। कमरे में घुप अंधेरा हो गया। अब अजय का दिल और तेज़ धड़कने लगा। उसने पास रखी मोमबत्ती जलाई, पर उसका हाथ कांप रहा था।