Part 2
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फिर किशन ने सोचा कि चलो, अब खाना ही खा लेता हूँ। किशन ने खाना खाने के लिए अपने हाथ की कुदाल उस पतीले में फेंक दी और हाथ-मुँह धोकर खाना खाने लगा। खाना खत्म करने के बाद किशन अपनी कुदाल उठाने के लिए उस पतीले के पास पहुँचा।वहाँ पहुँचते ही किशन हैरान हो गया। उस पतीले के अंदर एक नहीं, बल्कि बहुत सारे कुदाल थे। उसे कुछ समझ नहीं आया। तभी उसने अपने पास रखी एक टोकरी को भी उस पतीले में फेंक दिया। वो एक टोकरी भी पतीले के अंदर जाते ही बहुत सारी हो गईं। ये सब देखकर किशन खुश हो गया और उस जादुई पतीले को अपने साथ घर लेकर चला आया। वो हर दिन उस बर्तन में अपने कुछ औज़ार डालता और जब वो ज़्यादा हो जाते, तब उन्हें बाज़ार जाकर बेच आता। ऐसा करते-करते किशन के घर की हालत सुधरने लगी। उसने इस तरह से बहुत पैसा कमाया और अपने पिता का इलाज भी करवा लिया। एक दिन किशन ने कुछ गहने खरीदें और उन्हें भी पतीले में डाल दिया।