Part 3
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वो गहने भी बहुत सारे बन गए। इस तरह धीरे-धीरे किशन अमीर होने लगा और उसने ज़मींदार के यहाँ मज़दूरी करना भी छोड़ दिया। किशन को अमीर होते देख ज़मींदार मोहन को किशन पर शक़ हुआ। वो सीधे किशन के घर पहुँचा। वहाँ जाकर उसे जादुई पतीले के बारे में पता चला। उसने किशन से पूछा, “तुमने यह पतीला कब और किसके घर से चुराया?” डरी हुई आवाज़ में किशन बोला, “साहब! ये पतीला मुझे खेत में खुदाई के समय मिला था। मैंने किसी के घर चोरी नहीं की है।” खेत में खुदाई की बात सुनते ही ज़मींदार ने कहा, “यह पतीला जब मेरे खेत से मिला, तो यह मेरा हुआ।” किशन ने जादुई पतीला ना लेकर जाने की बहुत मिन्नते कीं, लेकिन ज़मींदार मोहन ने उसकी एक नहीं सुनी। वो ज़बरदस्ती अपने साथ वो जादुई पतीला लेकर चला गया। ज़मींदार ने भी किशन की ही तरह उसमें सामान डालकर उन्हें बढ़ाना शुरू किया।