भारत की पहली महिला पहलवान, हामिदा बानु की कहानी
Darooon Office
कहानी की शुरुआत होती है एक छोटे से गाँव में, जहाँ समाज में महिलाओं को खेल के क्षेत्र में काम करने की अनुमति नहीं थी। परंतु, वहाँ की एक लड़की, हामिदा, को खेलों में रुचि थी।प्रेरणा का आगमन:हामिदा के पिता उसे हमेशा प्रेरित करते थे कि वह अपने सपनों को पूरा करे। वह उसे कहानियों में महान पहलवानों के बारे में सुनाते और उसे खेल के मैदान में उतरने के लिए प्रोत्साहित करते।संघर्ष का सफर:हामिदा का सफर आसान नहीं था। उसे समाज में खेलने के लिए अनेक बाधाएँ झेलनी पड़ीं। परंतु, उसकी जिद और मेहनत ने उसे आगे बढ़ने में मदद की। वह अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हुई, हर कठिनाई को अपने लिए एक नई सफलता का मौका बनाते हुए।