साळवे हाऊस
sarthak rasne
रात के अंधेरे में, रोहन ने वीरान हवेली में कदम रखा। जैसे ही वह अंदर गया, हवा में एक ठंडी सिहरन और दबी-चीखें महसूस हुईं। उसने एक पुराना चित्र देखा जिसमें एक महिला की दुखी आँखें थीं। चित्र के पास एक नोट था: मुझे मुक्त करो। अचानक, पियानो बज उठा और हवेली में सिहरन फैल गई। रोहन ने डरते हुए रस्में पूरी कीं, और एक ठंडी हवा के झोंके के साथ, हवेली शांत हो गई। बाहर आते ही, रोहन ने देखा कि चित्र और नोट गायब हो चुके थे—हवेली अब शांति में डूबी हुई थी।