Nacho! Bhukamp Aya
Suraj Prakash
(Nacho! Bhukamp Aya!)एक खूबसूरत रविवार की सुबह लॉस एंजेलिस में चहल-पहल थी। रिया अपने बालकनी में नाच रही थी, हेडफोन लगाए कैटी पेरी का गाना सुन रही थी। अचानक, ज़मीन डगमगाने लगी! चीखें गूंज उठीं, चीजें गिरने लगीं। रिया घबरा गई। हेडफोन निकालकर उसने देखा कि सड़क पर गाड़ियां आपस में टकरा रही हैं, इमारतें हिल रही हैं। उसे समझ आ गया - भूकंप! रिया ने तुरंत घुटनों के बल बैठकर सिर को ढक लिया। आसपास के लोगों को भी ऐसा करते देखा। कुछ ही सेकंड बाद झटके थमे। धूल का गुबार हवा में उड़ रहा था। रिया ने धीरे से सिर उठाया। हर तरफ तबाही का मंजर था, लेकिन शुक्र है वह ठीक थी। रिया कमरे से बाहर आकर उसने देखा कि पड़ोसी भी बाहर निकल रहे हैं। भूकंप की वजह से सब एक-दूसरे का हालचाल पूछ रहे थे। रिया ने फ़ौरन अपने फ़ोन से आपातकालीन सेवाओं को कॉल किया। थोड़ी देर में दमकल की गाड़ियां और एंबुलेंस सायरन की आवाजें सुनाई देने लगीं।