कछुआ और ख़रगोश की कहानी
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एक समय की बात है, एक जंगल में एक कछुआ और एक ख़रगोश रहते थे।दोनों ने एक दौड़ का आयोजन किया। ख़रगोश बहुत ही गर्व से और अहंकार से भरा हुआ था। वह शुरूआत में अच्छी तरह से दौड़ने लगा। परंतु बीच में ही उसे लगा कि उसका दोस्त कछुआ बहुत ही धीमा है और उसे विजय मिलने में कोई समस्या नहीं होगी। इसलिए, वह थक गया और एक पेड़ के नीचे सो गया।उसी समय, कछुआ धीरे-धीरे परिसर घुम रहा था और धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। अचानक, वह ख़रगोश के पास पहुँच गया। ख़रगोश को यह देखकर हैरानी हुई और उसने खुद को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह बहुत ही थक चुका था। उसकी बहुत सी शक्ति ख़त्म हो चुकी थी।इस कथा से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीतने के लिए गर्व और अहंकार नहीं होना चाहिए, बल्कि मेहनत, संयम, और सही रणनीति होनी चाहिए।