रात का साया अंधेरे की
Namrta Verma
रात का सायाअंधेरे की चादर ने आसमान को ढक लिया था। पेड़ों की डालीयाँ, जैसे राक्षसों के हाथ, हवा में उड़ रही थीं। एक छोटा सा गाँव, इस भयानक रात में भी सोया हुआ था। सिर्फ एक घर में, रोशनी की एक छोटी सी किरण झलक रही थी। उस घर में रहता था एक बुजुर्ग आदमी, जिसका नाम था भगत।भगत जी बहुत ही भोले-भाले थे। उन्हें लोगों की मदद करना बहुत पसंद था। लेकिन, इस गाँव में एक अजीब सी अफवाह फैली थी। लोग कहते थे कि हर रात, एक भूत इस गाँव में आता है और लोगों को डराता है।एक रात, जब भगत जी सो रहे थे, उन्हें अजीब सी आवाज सुनाई दी। वह उठे और खिड़की से बाहर देखा। वहाँ, एक अंधेरे में लिपटा हुआ कोई व्यक्ति खड़ा था।