यह एक बहुत खूबसूरत लड़की के संघर्षों की कहानी है
Manoj Lilhare
आज से सत्तर साल पहले की बात है शिमला में एक छोटा सा परिवार रहता था देवराज व्यास की पत्नी का नाम अंजना व्यास व उनके दो बच्चे थे एक का नाम स्विटी व दुसरे का नाम गौरव था देवराज कि प्लास्टिक के खिलौने बनाने वाली कंपनी थी और उसका एक दोस्त भी था एसा वैसा नहीं बल्कि सच्चा दोस्त जो दुःख सुख में साथ देने वाला जिसका नाम मोहन था देवराज और मोहन अक्सर देवराज के घर पर शराब पीने आया करता था इस तरह अच्छी जिंदगी चल रही थी लेकिन एक दिन कंपनी से सेक्रेटरी का फोन आया कि कंपनी में आग लग गई हैं बस उसी दिन से देवराज कि तबियत बिगड़ने लगी और वह अक्सर बिमार रहने लगा