सपनों का गाँव**
Abu huzaifa
एक छोटे से गाँव में एक युवक ने अपनी ज़िन्दगी में बड़े सपने देखे थे। उसे अपने गाँव को एक ऐसा स्थान बनाना था जहाँ हर किसी की खुशियाँ और सपने पूरे हो सकें। उसने गाँव के हर घर में खुशहाली लाने की ठानी और उसके लिए योजनाएँ बनानी शुरू कीं।वो गाँववालों से मिला, उनके दुख-सुख सुने, और उनके साथ मिलकर गाँव को एक नई दिशा देने की सोच बनाई। धीरे-धीरे, उसके प्रयासों से गाँव में बदलाव दिखने लगा। लोगों की जिंदगी में खुशी लौट आई, और सपनों का गाँव सच में बन गया।इस कहानी ने हमें सिखाया कि अगर हम दिल से कोशिश करें और मिलकर काम करें, तो बड़े सपने भी सच हो सकते हैं।